💃 लाड़ो योजना: राजस्थान सरकार देगी 7 किस्तों में 1.50 लाख का अनुदान ✅
राजस्थान सरकार द्वारा बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए एक बेहतरीन योजना शुरू की गई है, जिसका नाम लाड़ो योजना है। इस बेटी सहायता योजना के तहत बेटी को 7 किस्तों में 1.50 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य बेटी शिक्षा प्रोत्साहन और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। आइए जानते हैं इस योजना के तहत मिलने वाली किस्तों और उनके पात्रता मानदंडों के बारे में
1. जन्म के समय - ₹5,000
बेटी के जन्म पर माता-पिता को पहली किस्त के रूप में 5,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह बेटी के स्वास्थ्य और देखभाल में मदद करेगी।
2. 1 वर्ष की आयु और टीकाकरण पूरा होने पर - ₹5,000
जब बेटी 1 वर्ष की हो जाएगी और उसका पूरा टीकाकरण हो जाएगा, तो माता-पिता को दूसरी किस्त के रूप में 5,000 रुपए दिए जाएंगे।
3. पहली कक्षा में प्रवेश पर - ₹10,000
राजकीय स्कूल या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त निजी स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर 10,000 रुपए की तीसरी किस्त दी जाएगी।
4. छठी कक्षा में प्रवेश पर - ₹15,000
बेटी जब छठी कक्षा में प्रवेश करेगी, तो उसे 15,000 रुपए की सहायता राशि मिलेगी। यह राशि उसकी शिक्षा में सहायक होगी।
5. 10वीं कक्षा में प्रवेश पर - ₹20,000
जब बेटी 10वीं कक्षा में प्रवेश करेगी, तब उसे 20,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
6. 12वीं कक्षा में प्रवेश पर - ₹25,000
12वीं कक्षा में प्रवेश पर बेटी को 25,000 रुपए की राशि दी जाएगी। इससे उसकी उच्च शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।
7. स्नातक उत्तीर्ण करने और 21 वर्ष की आयु पूरी करने पर - ₹70,000
अगर बेटी ने सरकार से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से स्नातक पूरा कर लिया है और उसकी उम्र 21 वर्ष हो चुकी है, तो उसे अंतिम किस्त के रूप में 70,000 रुपए दिए जाएंगे।
क्यों है ये योजना महत्वपूर्ण?
बेटी शिक्षा प्रोत्साहन के लिए आर्थिक सहायता।
माता-पिता पर आर्थिक बोझ कम होता है।
बेटियों की स्वास्थ्य देखभाल में सहायता मिलती है।
लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता है।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और ऑनलाइन उपलब्ध है। इच्छुक अभिभावक राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ आवेदन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
लाड़ो योजना राजस्थान सरकार की एक बेहतरीन पहल है, जो बेटियों के समग्र विकास को सुनिश्चित करती है। इस योजना का लाभ उठाकर अभिभावक अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बना सकते हैं।